फरीदाबाद। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर फरीदाबाद में रहने वाले अंकुर के परिजनों ने संतुष्टी जाहिर की है। अंकुर के परिवार ने विकास दुबे से जुड़ा एक खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि विकास दुबे और उसके दो साथियों ने उनके घर में शरण ली थी। आपको बतादें कि अपराधी को शरण देने के आरोप में अंकुर मिश्रा व उसके पिता श्रवण मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों अभी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
अंकुर मिश्रा की मां और पत्नी को विकास दुबे के मारे जाने के बाद अंकुर औऱ श्रवण के जेल से निकलने का इंतेजार है ।पूछताछ में शांति और गुंजन ने बताया कि विकास दुबे से उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं थी। 6 जुलाई को सुबह करीब 9 बजे विकास दुबे, प्रभात मिश्रा और अमर दुबे उनके घर पहुंचे। उस वक्त घर पर शांति व गुंजन ही मौजूद थीं, परिवार के पुरुष सदस्य काम पर निकल गए थे। विकास दुबे चेहरे पर मास्क लगाए हुए था और आंखों पर चश्मा था, इसलिए शांति व गुंजन उसे पहचान नहीं पाईं। दरवाजा खोलते ही विकास और उसके साथी घर के अंदर आ गए। शांति ने बताया कि जब विकास ने अपना मास्क हटाया तब वो लोग विकास को पहचान पाए।
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शांति मिश्रा ने बताया कि उन्होंने हाथ जोड़कर विकास से कहा था कि ‘पंडित तुम यहां से चले जाओ’ लेकिन विकास ने उन्हें धमकाकर चुप करा दिया। उनकी इस बात से विकास इतना ज्यादा नाराज हो गया कि उसने गुंजन का मोबाइल तक अपने पास रख लिया। जिस वजह से वो परिवार और पुलिस को सूचना नहीं दे पाई। उन्होंने बताया कि तीनों बदमाश लगातार हथियारों के दम पर डरा-धमका रहे थे, इसलिए न तो वो शोर मचा पाए और न पुलिस को सूचित कर पाए।