
बाबरी विध्वंस मामले में CBI की विशेष अदालत में पेश हुये कल्याण सिंह
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब तक सीबीआई (CBI) ने आरोपियों के खिलाफ कुल 354 गवाह पेश किए थे. जिनकी गवाही खत्म होने के बाद कोर्ट ने एक हजार से अधिक सवाल तैयार किये हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने निराधार आरोप लगाकर मेरे खिलाफ मुकदमा चलाया. उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते कानून-व्यवस्था को लेकर जो भी मेरी जिम्मेदारी थी मैंने उसका पूरी तरह पालन किया. कल्याण सिंह ने कहा कि उस समय ढांचे की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी. इस संबंध में तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया था और सरकार पूरी तरह सजग थी. इसमें कहीं पर भी सरकार की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई. तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक विद्वेष के चलते मुझे फंसाया गया.
सीबीआई के 354 गवाहों की गवाही हो चुकी है खत्म
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब तक सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ कुल 354 गवाह पेश किए थे. जिनकी गवाही खत्म होने के बाद कोर्ट ने अभियोजन प्रपत्रों और गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपियों से पूछने के लिए एक हजार से अधिक सवाल तैयार किये हैं. जबकि कोर्ट आरोपियों से खुली कोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के सम्बंध में प्रश्न पूछेगी. इस दौरान आरोपी उसका जवाब देगा और अपना पक्ष भी रखेगा. वहीं, इसी बयान में आरोपी को अगर अपने पक्ष में सफाई देनी है तो बताएगा और कोर्ट उसे सफाई के गवाह पेश करने का मौका देगी.ये भी पढ़ें- विकास दुबे के गांव पहुंचे जस्टिस शशिकांत अग्रवाल, शुरू हुई सबसे बड़े हत्याकांड की तफ्तीश
गौरतलब है कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को उन्मादी भीड़ ने ढहा दिया था. इस मामले की रिपोर्ट रामजन्म भूमि थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रियंबदा नाथ शुक्ल और चौकी प्रभारी गंगा प्रसाद तिवारी ने 6 दिसम्बर 1992 को दर्ज कराई थी. बाद में मामले की विवेचना सीबीआई को सौंपी गई जिसने कुल 49 आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें से लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, कल्याण सिंह, मुरलीमनोहर जोशी, बृजभूषण शरण सिंह, चम्पत राय समेत 32 के खिलाफ सुनवाई चल रही है. जबकि बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया समेत 17 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विशेष न्यायालय को आदेश दिया है कि वह हर हाल में 31 अगस्त तक अपना निर्णय दे.