धर्म डेस्क। सूर्य की आराधना के साथ साथ छठ पूजा पर छठ मैया की भी पूजा की जाती है और संतान पक्ष की खुशहाली का आशीर्वाद मैया से मांगा जाता है.
बुधवार को छठ पर्व का आगाज होगा. इस दिन किसी नदी व तालाब में नहाने के बाद लौकी की सब्ज़ी और सरसों का साग खाया जाता है. और व्रत की सफलता की कामना की जाती है.19 नवंबर को खरना होगा. इस दिन विशेष रूप से छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है. जिसका नाम है ठेकुआ. इस प्रसाद को बनाते समय विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान भी जरुरी होता है.
20 नवंबर को ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, इसे ही मुख्य छठ पूजा कहा जाता है. इस दिन किसी तालाब या पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने की परंपरा है. 21 नवंबर को उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण होता है.