स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन का आगाज कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते काफी देर से हुआ। एक समय ऐसा लग रहा था कि 2020 में IPL का आयोजन संभव नहीं है, लेकिन BCCI ने ऐसा होने नहीं दिया। BCCI यूएई की सरजमीं पर IPL की आयोजन कराया और मोटी रकम भी कमाई।
IPL भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लिए कमाई का सबसे बड़ा जरिया रहा है। यही कारण है कि BCCI हर हाल में IPL का आयोजन कराना चाहती थी। 4000 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही BCCI ने टूर्नामेंट को भारत के बाहर आयोजित कराने का मन बनाया और इसे सफल कराया। जुलाई में BCCI ने पुष्टि की थी कि IPL 2020 की मेजबानी संयुक्त अरब अमीरात करेगा। फ्रेंचाइजियों ने अपने खिलाड़ियों को सूचना दी और लगभग सभी खिलाड़ी इसके लिए तैयार हो गए।
19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई के शारजाह, अबू धाबी और दुबई में IPL के सभी मुकाबले खेले गए। अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की बदौलत, BCCI ने IPL का सफलतापूर्वक मंचन किया और 4000 करोड़ रुपये कमाए। टूर्नामेंट ने रिकॉर्ड व्यूअरशिप भी प्राप्त की। BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने एक इंटरव्यू में IPL 2020 की सफलता के बारे में बात की और महामारी के दौरान BCCI द्वारा अर्जित राशि का खुलासा किया।
अरुण धूमल ने बताया, “बोर्ड पिछले IPL की तुलना में लागत का लगभग 35 प्रतिशत कटौती करने में कामयाब रहा। हमने महामारी के दौरान 4000 करोड़ रुपये कमाए। हमारी टीवी दर्शकों की संख्या लगभग 25 प्रतिशत अधिक हो गई है, हमें सबसे ज्यादा आगाज मैच (मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स) की दर्शकों की संख्या मिली है। जिन लोगों ने हम पर संदेह किया, उन्होंने IPL की मेजबानी के लिए हमें धन्यवाद दिया। अगर यह IPL नहीं होता, तो क्रिकेटरों को एक साल का नुकसान होता।
BCCI के अधिकारी ने यह भी खुलासा किया कि बोर्ड ने 30 हजार से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट आयोजित कराए थे। 1500 से अधिक लोग IPL के सुचारू संचालन में शामिल थे और इसलिए संख्या एक आश्चर्य के रूप में नहीं आती है। शुरुआत में जब चेन्नई सुपर किंग्स के दो खिलाड़ियों और खुद BCCI की मेडिकल टीम के सदस्य को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था तो लग रहा था कि इस टूर्नामेंट पर संकट के बादल हैं, लेकिन इसके बाद एक भी मामला सामने नहीं आया था।