लखनऊ। ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) का मुद्दा इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. देश के कुछ राज्य तो इस मुद्दे पर कानून भी बनाने का इरादा जता चुके हैं. इस बीच, कानपुर में तथाकथित ‘लव जिहाद’ मामले की जांच कर रही स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने कहा है कि उसे साज़िश के तहत संगठित रूप से धर्म परिवर्तन करके शादी का कोई सुबूत नहीं मिला है और न ही इसमें किसी तरह की विदेशी फंडिंग पाई गई है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में 14 मामलों में लड़कियों के घर वालों ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनकी लड़कियों को बहला-फुसला कर धोखे से धर्म परिवर्तन करवा के शादी कर ली गई है.
स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम यानी SIT का कहना है…
(1) : तीन मामलों में बालिग़ लड़कियों ने अपनी मर्ज़ी से धर्म बदलकर शादी की है, इनमें कोई कार्रवाई नहीं की गई.
(2) :तीन मामलों में लड़कों ने ग़लत नाम बताकर शादी की है. फतेह खान ने आर्यन मल्होत्रा, ओवैस ने बाबू और मुख्तार अहमद ने राहुल सिंह नाम रख लिया था.
(3) : कुछ मामलों में लड़कियां नाबालिग़ थीं, इसलिए लड़कों पर रेप का केस दर्ज हुआ.
(4) : एसआईटी का कहना है कि इन मामलों में नाम बदलने, धर्म बदलने में तयशुदा कानूनी तरीका नहीं अपनाया गया है.