नई दिल्ली। महात्मा गांधी के परपोते सतीश धुपेलिया का रविवार को जोहान्सबर्ग में COVID-19 जटिलताओं से निधन हो गया। धुपेलिया की बहन उमा धूपेलिया-मेस्थ्री ने एक संदेश पोस्ट किया जिसमें पुष्टि की गई कि उनके भाई की सीओवीआईडी -19 संबंधित जटिलताओं से मृत्यु हो गई है। उमा के अनुसार, सतीश ने अस्पताल में बीमारी का अनुबंध किया था, जबकि उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था।
उमा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मेरे प्यारे भाई एक महीने के बाद निमोनिया से पीड़ित हो गए, जब अस्पताल में एक सुपरबग का कॉन्ट्रैक्ट हुआ और तब COVID -19 ने भी उनका कॉन्ट्रैक्ट किया था। उमा के अलावा, सतीश एक और बहन, कीर्ति मेनन को छोड़ देता है, जो जोहान्सबर्ग में रहती है।
सतीश, उमा और कीर्ति मणिलाल गांधी के वंशज हैं, जो लगभग बीस वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका में रहने के बाद भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में पीछे रह गए थे।
सतीश धूपेलिया एक वीडियोग्राफर और फ़ोटोग्राफ़र थे और महात्मा गांधी द्वारा डरबन के फीनिक्स सेटलमेंट में शुरू किए गए काम को आगे बढ़ाने के लिए गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट की सहायता करने में भी बहुत सक्रिय थे।
सतीश कई सामाजिक कल्याण संगठनों के सक्रिय सदस्य थे। अपने दोस्तों और प्रियजनों से श्रद्धांजलि दी। राजनीतिक विश्लेषक लबना नदवी ने कहा, “मैं सदमे में हूं। सतीश एक महान मानवतावादी और कार्यकर्ता थे।” नदवी ने कहा, “वह दुर्व्यवहार करने वाली महिलाओं के लिए सलाह डेस्क की भी बहुत अच्छी दोस्त थी और हमेशा संगठन की मदद करती थी।”