कोलकाता। पश्चिम बंगाल में होने विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली हैं। वहीं बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत इस चुनाव में झोंक दी है। इसी बीच बंगाल के मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास ने एक नई पार्टी का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद ममता की टीएमसी को मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी का खतरा पैदा हो गया है। भाजपा के लिए ये काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
‘इंडियन सेक्युलर फ्रंट’ के नाम से पार्टी का ऐलान करते हुए पार्टी चीफ पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा इस नई पार्टी का लक्ष्य है, पिछड़ी जातियों- मुस्लिमों, आदिवासी और दलित- का उत्थान. हालांकि, इस पार्टी का जन्म राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) से अंसतोष के चलते हुआ है. कहा जा रहा है कि यह पार्टी बंगाल में ममता के मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी कर सकती है.
पार्टी चीफ पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा, “ममता बनर्जी ने कहा था कि वह नौकरियां, शिक्षा और 15 प्रतिशत आरक्षण देंगी. हमने विश्वास किया और मैंने अपने समर्थकों को ममता का समर्थन करने के लिए कहा. मेरे समर्थकों ने उनके लिए वोट किया. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने हिंदू और मुस्लिमों को बांटना शुरू किया. इसलिए मुझे लगा कि दूसरों पर भरोसा क्यों किया जाए. खुद ही अपनी पार्टी बनाई जाए.”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने हाल ही में सिद्दकी से मिले थे. ओवैसी चाहते हैं कि उनकी पार्टी बंगाल चुनाव में उतरे. ओवैसी सिद्दीकी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल का चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं. ऐसी जानकारी है कि सिद्दीक़ी ने एक वक्त तृणमूल के साथ लड़ने के बदले में 40 सीटों की मांग की थी, जिसे तृणमूल ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने अकेले ही मैदान में लड़ने का फैसला किया.