लखनऊ. यूपी पंचायत चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं. लेकिन इस बीच दावेदारों को सामने सबसे बड़ी चुनौती सीटों के आरक्षण लिस्ट को लेकर है. दरअसल, इस बार संकेत मिले हैं कि रोटेशन प्रणाली के आधार पर ही सीटें आरक्षित होंगी। लिहाजा 2015 में जो सीटें आरक्षित थीं उनमे 70 फ़ीसदी इस बार बदलाव की सम्भावना है. इस सम्बन्ध में पंचायती राज मंत्री के बयाँन के बाद दावेदारों में हलचल बढ़ गई है.
पंचायत चुनाव की तारीखों के लेकर पंचायती राजमंत्री ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक सम्पन्न हो जाएंगे. पंचायती राजमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के बयान से ये भी तस्वीर साफ हो गई कि इस बार पंचायत चुनाव में आरक्षण रोटेशन के आधार पर ही होगा. पंचायती राजमंत्री के दिए बयान के मुताबिक 2015 में हुए चुनाव के समय जैसे रोटेशन प्रक्रिया को शून्य घोषित करके नए सिरे से आरक्षण जारी किया गया था, इस बार वैसा नहीं होगा. इस बार रोटेशन प्रक्रिया के तहत आरक्षण होगा, जिससे जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों की करीब 70 फीसदी सीटों की मौजूदा स्थिति में बदलाव की सभांवना बनी रहेगी.
15 फ़रवरी तक घोषित हो सकती है आरक्षण लिस्ट
जानकारी के मुताबिक पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग 15 फ़रवरी तक आरक्षण नीति पर स्थित स्पष्ट कर सकती है. माना यह भी जा रहा है कि आरक्षण नीति होने के साथ ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान भी शुरू करेंगी।