धर्म डेस्क. बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर उनसे विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है। मां सरस्वती का पूजन करने से अज्ञान का अंधकार मिटता है और ज्ञान का उदय होता है। कहते हैं कि इसी दिन मां सरस्वती प्रकट हुईं थी। इसीलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन मां की अर्चना करने से कमजोर दिमाग के बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि वाले हो जाते है.
ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति के लिए मां सरस्वती से जुड़े करें ये उपाय…
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की अर्चना करने से बौद्धिक विकास होता है. इस खास दिन पर नवजात शिशु, जिनकी यह पहली बसंत पंचमी है उनकी जीभ पर चांदी की सलाई की मदद से शहद से ‘ऊँ ऐं’ मंत्र लिखें. ऐसा करने से बच्चे की वाणी मधुर होती है और उसका बौद्धिक विकास भी बेहतर होगा. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी बच्चे को विशेष सफलता हासिल होती है.
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बसंत पंचमी के दिन तीन साल तक की उम्र के बच्चे के हाथ से एक कॉपी पर लाल रंग की स्याही से ‘ऊँ ऐं’ मंत्र लिखवाएं. इसके बाद मां की पूजा करें. इस उपाय को करने से बच्चा दिमागी रूप से होशियार बनता है है.
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मां सरस्वती को वाणी की देवी भी कहा जाता है. ऐसे में जिन बच्चों को बात करने में हकलाने, तुतलाने या झिझक महसूस करने जैसे वाणी दोष हैं, बसंत पंचमी के दिन उनकी जीभ पर चांदी की सलाई की मदद से केसर से ‘ऊँ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र लिख दें. इस उपाय को करने से बच्चे का वाणी दोष तो दूर होगा ही, साथ ही बच्चा ओजस्वी वक्ता भी बनता है.
आपको बसंत पंचमी के कुछ सरल उपाय बताए गए हैं जिनकी सहायता से कमजोर दिमाग वाले बच्चे भी होशियार हो जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन उपायों को करने से मां सरस्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बसंत पंचमी के दिन विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करके आप यह उपाय जरूर आजमाएं। इससे कमजोर दिमाग के बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि वाले होंगे।