प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ सीट पर बदलकर रानीगंज पहुंचे डॉ. आर के वर्मा लगातार तीसरी बार विधायक बन गए। अब तक वह दो बार विश्वनाथगंज से चुनाव जीते थे। हालांकि रानीगंज से पहली बार खाता खोला है। लंबे समय से बसपा में सक्रिय रहे डॉ. आरके वर्मा को 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का टिकट नहीं मिला। इसके बाद वह इसी साल विश्वनाथगंज में हुए उपचुनाव में भाजपा के समर्थन से अपना दल (एस) के टिकट पर विधायक बन गए।
2017 में भी वह विश्वनाथगंज से भाजपा समर्थित अपना दल (एस) के विधायक बने। बाद में उनके दल के शीर्ष नेतृत्व से अनबन हुई तो उनका झुकाव समाजवादी पार्टी की ओर हो गया। हालांकि उन्हें रानीगंज से सपा का टिकट मुश्किल से मिला। पहले यहां से विनोद दुबे को प्रत्याशी घोषित किया गया। बाद में डॉ. आरके वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया। हालांकि यहां उन्हें कड़ी चुनौती मिली, लेकिन आखिरकार उन्होंने बाजी मार ली और रानीगंज से दूसरी बार सपा का परचम फहरा दिया।
तीसरी बार बने विधायक
2012 में गठित रानीगंज से पहले विधायक सपा से प्रो. शिवाकांत ओझा निर्वाचित हुए। 2017 में वह हार गए लेकिन 2022 में डॉ. आरके वर्मा ने पार्टी की सीट वापस ले ली। मुख्यालय पर उनकी जीत की सूचना मिलने पर रानीगंज में पटाखे फूटने लगे।