आर्थिक डेस्क. भारत के बीमा क्षेत्र के नियामक ने सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को छोटी अवधि की कोरोना वायरस इंश्योरेंस पॉलिसी (Coronavirus Insurance Policy) जारी करने की 30 सितंबर तक के लिए अनुमति दे दी है. इसमें कोरोना कवच पॉलिसी और कोरोना रक्षक पॉलिसी शामिल हैं. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने पहले बीमा कंपनियों को 31 मार्च तक ही इस तरह की पॉलिसी बेचने की अनुमति दी थी.
आईआरडीएआई (IRDAI) के अनुसार वर्तमान में कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बीमाकर्ताओं को शॉर्ट टर्म के लिए नई कोरोना वायरस (Coronavirus) स्पेशिफिक विशिष्ट बीमा पॉलिसियों को नवीनीकृत करने और जारी करने की अनुमति है.
बीमा नियामक (Insurance Regulator) इरडा ने स्टेंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आरोग्य संजीवनी का कवरेज युक्ति संगत कर दिया है. इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Insurance Regulatory and Development Authority of India-IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आरोग्य संजीवनी में सुधार कर दिया है. नए सुधार के तहत इंश्योरेंस की न्यूनतम सीमा को घटाकर 50 हजार रुपये और अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है.
बता दें कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने पिछले साल यानि जुलाई 2020 में आरोग्य संजीवनी मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे. पिछले साल जारी किए गए दिशानिर्देश के तहत बीमा कंपनियों को न्यूनतम 1 लाख रुपये और अधिकतम 5 लाख रुपये तक का अनिवार्य बीमा कवर देने को कहा गया था.
वहीं इरडा ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा है कि आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत उपलब्ध कवरेज को बढ़ाने के लिए मौजूदा दिशानिर्देशों में आंशिक सुधार किया गया है. नए दिशानिर्देशों के तहत आरोग्य संजीवनी मानक उत्पाद के तहत अब बीमा कंपनियों को 1 मई 2021 से अनिवार्य रूप से न्यूनतम 50 हजार रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर देना होगा.