न्यूज डेस्क. दुनियाभर में पैर पसार चुके कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण चल रहा है। अब सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीन पहुंचा रहीं कंपनियों की है। वजह है- डोज पहुंचाते समय चोरी या लूट की आशंका। बताया गया है कि डोज लदे कार्गो की कीमत 7 करोड़ डॉलर (500 करोड़ रुपए) पहुंच गई है।
007 जैसे डिजिटल स्पाइक्राफ्ट का इस्तेमाल
चोरी रोकने के लिए शिपिंग कंपनियों ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू किया है। अतिरिक्त कर्मचारियों के साथ 007 जैसे डिजिटल स्पाइक्राफ्ट (जासूसी ड्रोन) लगा रही हैं। नीदरलैंड्स एच एसर्स ने फाइजर वैक्सीन के लिए सबसे अनुभवी ड्राइवर्स को चुना है। वहीं, मॉडर्ना और सिनोवैक पहुंचा रही स्विटजरलैंड्स की कुहने+नेगल ने अपने वाहनों की सुरक्षा के लिए हथियारबंद जवानों का पहरा लगा दिया है।
ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी की मदद ले रहे
इसके साथ ही ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी की मदद ले रही है। उधर, जर्मन एयरकार्गो ट्रांसपोर्ट जीएमबीएच वैक्सीन लदे कार्गो वाहनों के दरवाजों में अलार्म फिट किए गए हैं। इनमें घास काटने की मशीन जैसी कानफोड़ू आवाज निकलती है। कुछ कंपनियों ने तो प्लेनक्लोथ गार्ड और किलिंग स्विच लगवा दिया है।