प्रयागराज। Love Jihad Law Allahabad High Court Hearing Updates; योगी सरकार (Yogi Government) आज इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) को बताएगी लव जिहाद कानून क्यों जरूरी है। लव जिहाद अध्यादेश के खिलाफ आज इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई होनी है। लव जिहाद के खिलाफ दायर की गई चार याचिकाओं में अध्यादेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है। आज राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी। बता दें, बीते 2 फरवरी को चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की डिवीजन बेंच ने अंतिम सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय की थी।
सरकार ने अध्यादेश को जरूरी बताया था
बीते 18 जनवरी को योगी सरकार (Yogi Government) ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यह अध्यादेश बेहद जरूरी है। कई जगहों पर धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो गया था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तरह का अध्यादेश लाया जाना बेहद जरूरी था। धर्मांतरण अध्यादेश से महिलाओं को सबसे ज़्यादा फायदा होगा और उनका उत्पीड़न नहीं हो सकेगा। लेकिन उसके बाद दो फरवरी को हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई होनी थी। लेकिन सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए 24 फरवरी की तारीख ली थी।
SC ने खारिज की थी याचिका
योगी सरकार (Yogi Government) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चल रही सुनवाई पर रोक लगाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। यह भी कहा था कि सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। लेकिन 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था।
अध्याजदेश के विरोध में 4 याचिकाएं
बता दें कि धर्मांतरण अध्यादेश के खिलाफ वकील सौरभ कुमार, बदायूं के अजीत सिंह यादव, रिटायर्ड कर्मचारी आनंद मालवीय व कानपुर के एक पीड़ित ने याचिकाएं दाखिल की है। इन याचिकाओं में कहा गया कि, यह सिर्फ सियासी फायदे के लिए है। इसमें एक वर्ग-विशेष को निशाना बनाया जा सकता है। दलील यह भी दी गई कि अध्यादेश लोगों को संविधान से मिले मौलिक अधिकारों के खिलाफ है, इसलिए इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं की तरफ से यह भी कहा गया कि अध्यादेश किसी आपात स्थिति में ही लाया जा सकता है, सामान्य परिस्थितियों में नहीं।