लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ0 कन्हैया सिंह के अभिनन्दन एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ0 सिंह का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे साहित्यकार होने के साथ-साथ एक समाजसेवी भी हैं। डॉ0 कन्हैया सिंह ने जहां एक ओर विधि प्रवक्ता के रूप में कार्य किया, वहीं दूसरी ओर वे उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। वे आजमगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही, उनकी साहित्य साधना अनवरत चलती रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ0 कन्हैया सिंह ने अपने सृजन से हिन्दी साहित्य को एक नयी दिशा दी। अनेक साहित्यिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय चिन्तन के मंचों पर उनकी सशक्त उपस्थिति रही है। डॉ0 सिंह एक सहज व्यक्तित्व हैं और स्वयं को उसी रूप में प्रस्तुत करते हैं। यद्यपि डॉ0 सिंह की आयु 85 वर्ष है फिर भी वे अत्यन्त सक्रिय एवं सृजनशील हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने अपनी सृजनशीलता बनाये रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ0 कन्हैया सिंह से उनका संवाद पिछले करीब 28 वर्षों से है। उन्होंने जनपद आजमगढ़ में अभिनन्दनीय कार्य किए हैं। उन्होंने जिस क्षेत्र में भी कार्य किया, पूरी तन्मयता से किया। डॉ0 सिंह ने साहित्य साधना के प्रति निष्ठा को व्यक्त करने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ0 कन्हैया सिंह का आज यहां इस कार्यक्रम में अभिनन्दन करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है। ऐसे समर्पित सृजनशील व्यक्तित्व का हर हाल में सम्मान होना चाहिए। डॉ0 सिंह की दीर्घायु की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि वे अभी भी अपनी सृजनात्मकता से हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते रहेंगे। साथ ही, युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन भी करेंगे। मुख्यमंत्री जी ने डॉ0 सिंह की साहित्य साधना के लिए उनका हार्दिक अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 सदानन्द प्रसाद गुप्ता तथा हिन्दी संस्थान के निदेशक श्रीकान्त मिश्र सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।