लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 19 मार्च 2021 यानी आज चार वर्ष पूरा करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जमकर बधाई मिल रही है। सीएम योगी आज जब अपनी पारी के चार साल पूरे कर रहे हैं तो इतने लंबे कार्यकाल वाले उत्तर प्रदेश के पहले भाजपाई मुख्यमंत्री हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन में यह पहला मौका नहीं है जब कोई रिकॉर्ड उनके नाम हुआ हो। इससे पहले साल 1998 में जब योगी आदित्यनाथ पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे, तब वे 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद थे। 2014 में योगी ने बतौर सांसद 5वीं बार जीत हासिल की थी।
‘रामलहर’ में बनी पहली बार UP में भाजपा की सरकार
बात 1991 की है। यह वो दौर था जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में आंदोलन चल रहा था। पहली बार उत्तर प्रदेश वासियों ने भाजपा पर अपना विश्वास जताया और 1991 में मंदिर आंदोलन के दौरान पहली बार सरकार बनी थी। तब मंदिर आंदोलन के प्रमुख अगुवा रहे कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। कल्याण सिंह महज एक साल 165 दिन की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे थे।
दूसरी बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार 1997 में बनी। शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर कल्याण सिंह को आगे किया और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन 2 साल 52 दिन ही वे मुख्यमंत्री के पद पर रहे। कहा जाता है कि, अटल बिहार बाजपेई से रिश्ते बिगड़ने के कारण उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। भाजपा ने राम प्रकाश गुप्ता को 12 नवंबर 1999 को मुख्यमंत्री बनाया जो 28 अक्टूबर तक महज 351 दिन ही मुख्यमंत्री रहे।
अब तक BJP के चार मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
मुख्यमंत्री कार्यकाल
राजनाथ सिंह 28 अक्टूबर 2000- 8 मार्च 2002
राम प्रकाश गुप्ता 12 नवंबर 1999-28 अक्टूबर 2000
कल्याण सिंह (दूसरा कार्यकाल) 21 सितंबर 1997-12 नवंबर 1999
कल्याण सिंह (प्रथम कार्यकाल) 24 जून 1991-6 दिसंबर 1992
पूर्ण बहुमत देकर जनता 312 सीट झोली में डाली
राम प्रकाश गुप्ता के बाद राजनाथ सिंह साल 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। राजनाथ सिंह एक साल 131 दिन ही मुख्यमंत्री रहे। 2002 के चुनाव हुए तो भाजपा सत्ता में वापस नहीं हो सकी। 15 साल बाद 2017 में जनता ने भाजपा की झोली में 312 सीट डालकर उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत दिया।