मुंबई. राम मंदिर (Ram mandir) के नाम पर एक बार फिर से महा विकास अघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) और बीजेपी के नेता आमने-सामने हैं। राम मंदिर के नाम पर वसूले जा रहे हैं चंदे पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने एतराज जताते हुए राज्य के विधानसभा (Maharashtra Assembly) में सवाल उठाया है। नाना पटोले पूछा है कि क्या बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर टोल वसूलने का ठेका लिया है? नाना पटोले श्रीराम ने इस बात की इजाजत बीजेपी को दी है?
चंदा नहीं तो धर्म से बाहर करने की धमकी
नाना पटोले (Nana Patole) ने कहा कि मेरे पास आज मनोहर कुलकर्णी नाम के एक व्यक्ति आए थे। जिन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे घर पर राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने के लिए आए थे। जब मैंने उनसे यह पूछा कि 30 साल पहले जो चंदा दिया था उसका क्या हुआ? और वह पैसे कहां गए? इस पर वह नाराज होने लगे और उन्होंने कहा कि यदि तुम चंदा नहीं दोगे तो तुम्हें धर्म से बेदखल कर दिया जाएगा। जिस पर मैंने पूछा कि क्या आप को हिंदू धर्म का ठेकेदार बनाया गया है? इसी मुद्दे को आज नाना पटोले ने विधानसभा में उठाया है।
कौन सी चैरिटेबल संस्था को मिली मंजूरी
नाना पटोले (Nana Patole) विधानसभा में सवाल उठाते हुए यह पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी चैरिटेबल संस्था है? जिसे महाराष्ट्र में राम मंदिर के नाम पर चंदा वसूलने की जिम्मेदारी दी गई है। क्या महाराष्ट्र सरकार की तरफ से ऐसी कोई परमिशन दी गई है? उन्होंने कहा कि चंदा वसूलने के लिए भी चैरिटेबल संस्था का होना जरूरी है।
नाना पटोले (Nana Patole) जब यह मुद्दा सदन में उठा रहे थे तब बीजेपी (BJP) नेता सुधीर मुनगंटीवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि जो लोग हफ्ता वसूली में लगे रहते हैं उन्हें समर्पण के बारे में क्या पता होगा? फडणवीस अप्रत्यक्ष रूप से शिवसेना (Shivsena) पर यह कटाक्ष कर रहे थे। इस बात पर पटोले ने कहा कि पहले बीजेपी बताए की किसकी परमिशन से बीजेपी लोगों से राम मंदिर के लिए चंदा मांग रही है।