New Delhi. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजस्थान में गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों (Unaided private schools) के प्रबंधन को 5 मार्च 2021 से 6 मासिक किस्तों में छात्रों से 100 फीसदी स्कूल फीस लेने की अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि स्कूल फीस का भुगतान न करने के आधार पर छात्रों को न तो निष्कासित कर सकते हैं और न ही परीक्षा परिणाम को रोक सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के फैसले पर भी रोक लगा दी, जिसने प्रबंधन को केवल 60% से 70% ट्यूशन फीस एकत्र करने की अनुमति दी थी.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे सुनवाई करेगा तब तक ये व्यवस्था जारी रहेगी. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि किस्त व्यवस्था 2021-2022 के शैक्षणिक वर्ष के लिए छात्रों द्वारा देय शुल्क से स्वतंत्र होगी.
बकाया राशि का भुगतान करे जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा 25% ईडब्ल्यूएस छात्रों को आरटीई अधिनियम के अनुसार पढ़ाने के लिए वहन की जाने लागत होती है.