देहारादून. उत्तराखंड भाजपा में मची सियासी हलचल के बाद राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Rawat) ने पद से इस्तीफा दे दिया। मंगलवार शाम राजभवन पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा। त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Rawat) ने 18 मार्च 2017 को राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी।
इस्तीफा देने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैं लंबे समय से आरएसएस और बीजेपी के नेता के रूप में काम किया। पार्टी ने मुझे चार साल तक सेवा का अवसर दिया। पार्टी मुझ जैसे एक छोटे से गांव के एक साधारण कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दिया। सामूहिक रूप से पार्टी ने यह निर्णय लिया कि अब मुझे किसी और को काम करने का मौका देना चाहिए। इस दौरान जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से जब इस्तीफा देने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब दिल्ली में मिलेगा।
त्रिवेंद्र (CM Trivendra Rawat) को अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से नौ दिन पहले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके अलावा त्रिवेंद्र भी उत्तराखंड के उन पूर्व मुख्यमंत्रियों की जमात में शामिल हो गए हैं, जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाए। उत्तराखंड में केवल नारायण दत्त तिवारी ही अब तक पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं।
इस वजह से देना पड़ा इस्तीफा
माना जा रहा है, भाजपा में विधायकों और कुछ मंत्रियों के बीच नाराजगी के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल, इन नेताओं की त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री बने रहने पर नाराजगी जताई थी। ऐसे में उनके पद पर संकट मंडराने लगा था। विवाद सामने आने के बाद केंद्रीय नेतृत्व भी इस मसले पर मंथन कर रहा था, जिसके बाद रावत के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थीं।